हर साल लाखों छात्र MBBS और BDS जैसे प्रतिष्ठित कोर्स में दाख़िला पाने के लिए NEET परीक्षा में बैठते हैं। यह केवल एक परीक्षा नहीं है, यह लाखों सपनों की उड़ान है — एक बेटा जो डॉक्टर बनकर अपने किसान पिता का सपना पूरा करना चाहता है, या एक बेटी जो माँ की बीमारी देखकर जीवन भर डॉक्टर बनने की ठान चुकी है। लेकिन इन सपनों के बीच खड़ी होती है एक बड़ी दीवार — NEET की कट ऑफ मार्क्स।
आज हम बात करेंगे NEET 2025 में सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिले के लिए जरूरी कट ऑफ, सीट्स की स्थिति, कैटेगरी वाइज़ अपेक्षित स्कोर, और साथ ही उस जज़्बे की — जो हर NEET छात्र के दिल में बसता है।
NEET में सरकारी कॉलेज का महत्व
सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाख़िला मिलना भारत में एक बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जाती है। इसका एक प्रमुख कारण है – कम फीस, बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, अनुभवी फैकल्टी और सरकारी अस्पताल में क्लीनिकल एक्सपोज़र।
लेकिन इन कॉलेजों में सीटें सीमित होती हैं और प्रतियोगिता बेहद कठिन होती है। 2024 में कुल NEET उम्मीदवारों की संख्या 20 लाख के पार थी, जबकि सरकारी MBBS सीटें करीब 55,000 ही थीं। ऐसे में एक सीट पाने के लिए कट ऑफ स्कोर को पार करना एक चुनौती से कम नहीं।
NEET 2025 Government College Cut Off (अपेक्षित)
हर वर्ष कट ऑफ मार्क्स अलग-अलग होते हैं और इन पर कई फैक्टर्स असर डालते हैं:
- परीक्षा का कठिनाई स्तर
- छात्रों की संख्या
- सीटों की उपलब्धता
- आरक्षण की स्थिति
- स्टेट कोटा बनाम ऑल इंडिया कोटा
अनुमानित कट ऑफ (2025) – 15% ऑल इंडिया कोटा (AIQ):
कैटेगरी | अपेक्षित स्कोर (2025) |
---|---|
General | 620 – 640+ |
OBC | 610 – 630+ |
SC | 500 – 520+ |
ST | 480 – 500+ |
EWS | 610 – 630+ |
नोट: ये स्कोर NEET 2024 और 2023 के ट्रेंड पर आधारित अनुमान हैं। वास्तविक कट ऑफ NTA की काउंसलिंग के दौरान घोषित होगी।
स्टेट वाइज कट ऑफ में भी अंतर
हर राज्य की अपनी स्टेट कोटा सीटें होती हैं और उनके लिए कट ऑफ अलग होता है। उदाहरण के लिए:
- राजस्थान में सरकारी कॉलेज के लिए जनरल कैटेगरी का कट ऑफ 635+ तक जा सकता है।
- बिहार और उत्तर प्रदेश में भी सीटों की संख्या के मुकाबले प्रतियोगिता बहुत अधिक होती है।
- दक्षिण भारत के कुछ राज्यों जैसे केरल, तमिलनाडु में स्टेट बोर्ड के अनुसार कट ऑफ थोड़ा अलग रहता है।
सरकारी कॉलेज में MBBS सीट की उम्मीद कैसे बढ़ाएं?
- स्मार्ट प्लानिंग के साथ स्टडी: सिर्फ मेहनत काफी नहीं, सही दिशा में पढ़ाई जरूरी है।
- मॉक टेस्ट और एनालिसिस: हर टेस्ट के बाद अपनी गलती पहचानें।
- NCERT पर पकड़: NEET का 85-90% हिस्सा NCERT आधारित होता है।
- मेंटल स्ट्रेंथ बनाए रखें: एक नंबर से पीछे छूट जाना सामान्य है, लेकिन हार मान लेना नहीं।
- टाइम मैनेजमेंट: अंतिम महीनों में रिवीजन और टेस्ट का सही संतुलन जरूरी है।
NEET सिर्फ परीक्षा नहीं, भावनाओं का तूफ़ान है
जब एक छात्र सुबह 5 बजे उठकर कोचिंग जाता है, और फिर रात को खुद पढ़ाई करता है — तब वो सिर्फ डॉक्टर बनने की कोशिश नहीं कर रहा होता, वो अपने पूरे परिवार के भविष्य को आकार देने में जुटा होता है।
कई बार गांवों में बिजली नहीं होती, नेट नहीं चलता, किताबें भी पुरानी होती हैं — लेकिन फिर भी एक बच्चा सपना देखता है कि “सरकारी मेडिकल कॉलेज में मेरा भी एडमिशन होगा।”
हर आँसू, हर थकान, हर बार गिरकर उठने की ताकत उस दिन सफल होती है जब NEET का रिज़ल्ट आता है और स्क्रीन पर लिखा होता है — “Congratulations! You have been allotted a Government MBBS seat.”
सरकारी कॉलेज का सपना – अब भी जिंदा है!
अगर आप NEET 2025 के लिए तैयारी कर रहे हैं, तो खुद पर विश्वास रखें। हाँ, प्रतियोगिता बहुत है, लेकिन संघर्ष की कहानी वही लिखते हैं जो अंत तक डटे रहते हैं।
आपका लक्ष्य सिर्फ कट ऑफ पार करना नहीं, अपने जीवन का सबसे बड़ा सपना हासिल करना है। और यह सपना, आपकी मेहनत और समर्पण से ज़रूर पूरा होगा।