गांवों में आज भी खाना पकाने के लिए लकड़ी या LPG पर खर्च बढ़ रहा है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने GOBARdhan / गबर गैस योजना शुरू की है – जो गाय के गोबर और खेती के कचरे से सफाई, ऊर्जा और जैविक खाद बनाने का सामुदायिक तरीका है। 2025 में यह योजना और मजबूत हुई है – सब्सिडी, जागरूकता पहल, और तकनीकी सहायता से मतलबी ग्रामीणों की मदद से पर्यावरण-केंद्रित रोजगार और ऊर्जा मिल रही है।
Gobar Gas Yojana 2025
- गोबर गैस विशेष रूप से cow dung से बनाई गई बायोगैस है ।
- इसमें 55–65% मीथेन और 35–45% CO₂ होता है – इसका इस्तेमाल खाना पकाने, बिजली या गर्मी के लिए किया जा सकता है।
- अनाज और खेती के कचरे को भी इसमें मिलाकर बड़ी प्लांट बनाई जाती है, जैसे घरों या पंचायत स्तर पर।
GOBARdhan का उद्देश्य
- गांवों की सफाई – गोबर-कचरे के खुले निस्तारण को रोकना।
- सौर ऊर्जा उत्पादन – खाना पकाने, बिजली और रोशनी हेतु जैवगैस।
- जैविक खाद – प्लांट में बने खट्टे से किसान के खेत की मिट्टी उर्वर होती है ।
- रोजगार वृद्धि – SHG, किसान परिवार और ग्रामीणों को टेक्निकल रोजगार मिलता है।
- GHG emisison में कमी – बायोगैस प्राकृतिक गैस का स्थायी विकल्प है और प्रदूषण घटाता है।
सब्सिडी और वित्तीय सहायता
- छोटे प्लांट (1–25 m³/day) पर ₹9,800–₹70,400 सब्सिडी मिलती है, घातक लगने वाले राज्यों, SC/ST वर्ग को अतिरिक्त लाभ।
- प्लांट की संरचना आवश्यक हो तो ₹3,000–₹5,000 टर्नकी फीज़ भी मिलती है ।
- यदि प्लांट टॉयलेट या slurry filter से जुड़ा हो तो ₹1,600 अतिरिक्त सब्सिडी।
- Power plant लगाने पर ₹10,000 Incentive भी मिल सकता है।
Gobar Gas Yojana 2025 Benificiary
- जिनके पास कम से कम 50–60 sqm जगह है।
- उनके पास गोबर या खेत का कचरा नियमित उपलब्ध होना चाहिए।
- खुद का योगदान करना होगा, लेकिन योजना मोदी ने बहुत सहज बनाए हैं।
योजना के मॉडल प्रकार
- घरेलू प्लांट – 1–25 m³ capacity
- Medium/Community Plants – 25–2500 m³/day
- Bio-CNG / CBG Plants – बड़े पैमाने पर, जैसे इंदौर में मात्र 150 करोड़ की लागत से बड़े प्लांट स्थापित
राष्ट्रीय महत्व
- Biogas और CBG बढ़ता उपयोग से सरकार LNG पर खर्चा ₹29 बिलियन तक कम कर सकती है (FY2025–2030)।
- गबरगान योजना से ग्राम व शहरी कचरा व्यवस्था में सुधार, सतत ऊर्जा पहल व स्वच्छता भी संभव है।
How to apply for Gobar Gas Yojana 2025
- Gobardhan Unified Portal पर रजिस्टर करें
- दस्तावेज़ अपलोड करें – आधार, जमीन/जमीन नक्शा, गोबर-उपलब्धता विवरण
- अधिकारी द्वारा सत्यापन के बाद सब्सिडी स्वीकृत होती है
- प्लांट लगाने के उपरांत अंतिम मूल्यांकन व भुगतान मिलता है
NE States / SC/ST / Island states को 20% अतिरिक्त लाभ मिलता है ।
FAQs
Q1: प्लांट का रख-रखाव कैसा रहेगा?
5 साल की O&M वारंटी के साथ टर्नकी प्लांट आते हैं, इसका रख-रखाव संभव है और लागत कम है ।
Q2: मुझे शौचालय केंद्र प्लांट से जुड़ना है – कैसे?
Portal पर एप्लिकेशन में संबंधित ऑप्शन चुनें, ₹1,600 अतिरिक्त सब्सिडी मिलती है।
Q3: मेरी खेती बड़ी है, क्या CBG प्लांट हो सकता है?
हां, medium-scale प्लांट के लिए स्थानीय एजेंसी से संपर्क करें – 25 म³+ क्षमता वाले प्लांट निवेश योग्य हैं।
Q4: गैस का उपयोग कहाँ कर सकती हूँ?
खाना पकाने, स्टोव, बिजली उत्पन्न करना या खेत में पानी पंपिंग—परिवारिक या सामुदायिक कार्यों के लिए उपयोग करें।
Conclusion
गबर गैस योजना 2025 आधुनिक ग्रामीण ऊर्जा एवं बदलते समय का समाधान है।
- यह रोजगार, ऊर्जा सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण और खाद उपलब्धता का मिश्रण है।
- गांव को साफ, खेत को उर्वर, गैस स्व-निर्भरता का रास्ता है।
- अगर आपके पास छोटी जमीन एवं गोबर उपलब्ध है तो अभी Gobardhan पोर्टल पर आवेदन करें।
स्वच्छ भारत, सशक्त भारत—“Waste to Wealth”!